आ सुन ले आ सुन ले इस वेश्या की कहानी,
मेरी खातिर जिसने दी कुर्बानी |
मैं हूँ वो अभागिन ले देख ले,
दौलत की चाह से की मनमानी ||
मैं हूँ एक वेश्या जिसने तेरे सिवा किसी को चाहा नहीं,
मजबूरी में तन बेचा किसी शौक को अपनाया नहीं |
जिसको देखा उसने नोचा मिलता रहा हरदम धोखा,
प्यार मेरा सिर्फ़ तेरे लिए है मगर तुझको मनाया नहीं ||
तन तो मैला है बहुत पर आत्मा पावन है,
तमन्ना तेरी ज़िन्दगी में बस तू ही मन भावन है |
इतने भोगे दुःख निर्दयी संसार के,
हाथ थाम ले मेरा फ़िर हर रुत सावन है ||
सबने लूटा इस बेचारे दिल को,
भुला डाला असली मंजिल को |
रूठ न जाना तुम जियेंगे कैसे,
समझने वाला तू है इस नाजुक दिल को ||
सब है मेरे पास बस तेरा प्यार चाहिए,
हीरे दौलत मोती नहीं तू उपहार चाहिए |
लगता है सब सूना सूना प्यार के बिना,
दिल का प्रेम तू मुझे दिलदार चाहिए ||
मैं हूँ एक वेश्या तू तो मेरा श्रृंगार है,
जान ले तू ही मेरा सच्चा प्यार है |
तन तो मैला है मेरा मैं मानती हूँ,
दिल की गहराइयों में तेरा ख़ुमार है ||
सुन ले ऐ सनम आ कर ले शादी,
मांग भरके मेरी रोक दे बर्बादी |
मेरे हाथों की लकीरों में नाम तेरा,
तेरी पाक सेवा से मिलनी आज़ादी ||
रचनाकार:- वाई. एस. राणा. साहेब
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