मंजिल मेरी राधे-कृष्णा

जीवन पर छाये काले बादल,
रक्षक बना राधे का आँचल,
मन ने जपा राधे-कृष्णा, 
जमाना कहे बस पागल !
राधे नाम में है कितनी शक्ति,
हर पल चाहूँ उन्हीं की भक्ति ,
अंत:करण को कर ले पावन,
संकल्प दृढ से हो संसार विरक्ति !
माया ने है सबको नचाया,
अपना ही स्वरुप भुलाया,
भगवान की प्रेरणा शक्ति हैं वो,
भूले अपने को, तभी तक रुलाया !
माया पर पानी है जीत,
गुरु संग करनी है प्रीत,
राधे नाम कृपया से ,
भगवन बनाएंगे अपना मीत !
जपे-जा बन्दे हरक्षण प्रभु नाम,
मन मैल धुलने का सरल है काम,
जिस क्षण पूर्ण निर्मल होगा मन,
गुरु कृपा से प्रकट होंगे स्वयं भगवान !

प्रार्थना:- हे मेरे प्रभु ! मुझे सदा ढोंग व ढोंगियों से बचाए रखना !

अर्थात्:- मैं यदि किसी भी स्थान पर सत्संग श्रवण करूं तो 
मुझे केवल आपकी (भगवान ) 'दया-करुणा-कृपा-प्रेम-भक्ति 'ही प्राप्त हो !

हे सर्वेश्वर ! मैं आपके श्री चरणों में अपना स्थान चाहता हूँ , मैं तो अल्पज्ञ-नादान हूँ पर आप तो "सर्वज्ञ-सर्वत्र-सर्वशक्तिमान " हैं  !

राधे-कृष्णा !
रचनाकार:-
वाई.एस.राणा. साहेब 


Post a Comment

0 Comments