तुम्हारे बिन, दिल, रह ना सके,
कुछ कहना चाहे, पर, कह ना सके |
जुदा हो तुम, दिल, सह ना सके,
कुछ कहना चाहे, पर, कह ना सके ||
कौन सुनता, दिल की, और कौन सुने,
फुरसत भी नहीं, मेहरबां को, दिल की सुने |
धीमी-धीमी सी, प्रेम हवाएं, बहती बहें,
कौन जाणे, ठिकाना इनका, ये कहाँ रहें ||
तूफां ये ऐसा, रोके से, ना रुके,
अग्न ऐसी, बुझाए से, और बढ़े |
डारे जो, जल, भबक ऐसी उठे,
शैलाबों की ज्वाला, जैसे जले ||
यादों से, निकलकर सनम, हकीकत बने,
सामने देख के, तुझको, मेरा दिल खिले |
आसमां झूमे, नाचे, गदराए, धरती हीले,
जब रूह की, तड़प से, सत् प्रेमी मिलें ||
रचनाकार:- वाई. एस. राणा. साहेब
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